Punjab Flood: बाढ़ से तबाही में अब तक 46 मौतें, 9 सितंबर को प्रभावित गांवों का दौरा करेंगे PM मोदी
- Shubhangi Pandey
- 08 Sep 2025 03:29:33 PM
पंजाब में इस बार बाढ़ ने ऐसी तबाही मचाई है कि पूरे राज्य में हाहाकार मचा हुआ है। खेत, घर, सड़कें और गलियां सब पानी में डूबे हुए हैं। अब तक बाढ़ से 46 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि कई लोग लापता बताए जा रहे हैं। सबसे ज्यादा असर ग्रामीण इलाकों पर पड़ा है जहां फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं और मवेशियों की भी जान जा चुकी है। हालात इतने गंभीर हो गए हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद 9 सितंबर को प्रभावित गांवों का दौरा करेंगे और पीड़ितों से मुलाकात करेंगे। बाढ़ का असर पंजाब के 23 जिलों तक फैल चुका है। इनमें से 14 जिले पूरी तरह से पानी में डूबे हुए हैं। गुरदासपुर, अमृतसर, फजिल्का, फिरोजपुर, कपूरथला और तरनतारन जैसे इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। गांवों में घर ढह गए हैं, सड़कें टूट गई हैं और बिजली-पानी की सप्लाई भी बुरी तरह प्रभावित हुई है।
पठानकोट में 3 लोग अब तक लापता
पठानकोट जिले से खबर आई है कि यहां तीन लोग अभी भी लापता हैं। परिवारजन और स्थानीय लोग लगातार उनकी तलाश में जुटे हैं। सेना, NDRF और BSF की टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं लेकिन पानी की तेज धार और लगातार हो रही बारिश से राहत कार्य में काफी मुश्किलें आ रही हैं।
सेना और NDRF कर रही हैं बचाव
राज्य में हालात संभालने के लिए आर्मी, वायु सेना, NDRF और BSF की टीमों को उतारा गया है। अब तक हजारों लोगों को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट किया जा चुका है। हेलीकॉप्टर की मदद से दूर-दराज के गांवों में फंसे लोगों तक राशन और जरूरी सामान पहुंचाया जा रहा है। वहीं कई इलाकों में नावों से बचाव कार्य चल रहा है।
किसानों को सबसे ज्यादा नुकसान
पंजाब के किसानों की हालत बेहद खराब हो गई है। जिन खेतों में पकी हुई फसलें लहलहा रही थीं, वो अब पूरी तरह पानी में डूब चुकी हैं। धान, मक्की और सब्जियों की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं। इससे किसानों पर कर्ज का बोझ और बढ़ गया है। कई किसानों का कहना है कि अगर सरकार तुरंत मदद नहीं करती तो उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा।
सरकार और संगठन दोनों जुटे राहत में
सरकारी मशीनरी के साथ-साथ कई गैर-सरकारी संगठन भी राहत कार्य में जुटे हुए हैं। जगह-जगह सामुदायिक रसोई चलाई जा रही हैं ताकि बाढ़ प्रभावित परिवारों को खाने की दिक्कत न हो। दवाइयों और कपड़ों का भी वितरण किया जा रहा है। प्रशासन का दावा है कि जल्द ही हालात काबू में आ जाएंगे।
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