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इतिहास के पन्ने

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8 November का इतिहास: नोटबंदी से लेकर एक्स-रे की खोज तक, जानिए क्यों खास है आज का दिन

8 नवंबर कई ऐतिहासिक घटनाओं का गवाह है — 2016 में नोटबंदी का ऐलान, 1895 में एक्स-रे की खोज, 1960 में जॉन एफ. केनेडी का राष्ट्रपति चुना जाना और 1887 में गोविंद वल्लभ पंत का जन्म। यह दिन विज्ञान, राजनीति और इतिहास तीनों में खास है।

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पहली बार तिरंगे पर कब लिखा गया ‘वंदे मातरम्’? जानिए राष्ट्र गीत की 150वीं वर्षगांठ से जुड़ी रोचक कहानी

बहुत कम लोगों को पता है कि जब पहली बार भारत का तिरंगा फहराया गया था, तब उसके बीचोंबीच संस्कृत के शब्द ‘वंदे मातरम्’ लिखे गए थे।

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जैन धर्म की बेशकीमती धरोहर, 104 सालों से बंद हैं कमरे, जानकर आप हो जाएंगे दंग!

सोनी जी की नसियां, अजमेर में स्थित एक जैन मंदिर है. करौली के लाल पत्थरों से बना यह दिगंबर मंदिर जैन तीर्थंकर आदिनाथ का मंदिर है. मंदिर 1864-1865 ईस्वी में बना है. इसे बनाने में 25 साल का समय लगा. इसका निर्माण जयपुर के कारीगरों ने किया. लाल पत्थरों से बना होने के कारण इसे ‘लाल मंदिर’ कहा जाता है.

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जहां से शुरू हुई इंसानों की कहानी, हजारों साल पुराने रंगों में छिपा इतिहास, जानिए कहां है ये अद्भुत जगह!

ये जगह महाभारत काल में भीम से जुड़ा है, इसी वजह से इसका नाम भीमबैठका पड़ा. ये मध्य भारत के पठार के दक्षिणी किनारे पर स्थित विन्ध्याचल की पहाड़ियों के निचले छोर पर है. यहां दुनियाभर से पर्यटक और शोधार्थी आते हैं. फिर भी इस क्षेत्र में परिवहन सुविधा की काफी जरूरत है.

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सुंदरता और वीरता की मूरत थीं ये महारानी, आज भी देवियों की तरह होती है पूजा,जिसने मुगल बादशाह का तोड़ा था अभिमान

इतिहास साक्षी रहा है ऐसी कहानियों का । जिसमें इन कहानियों का उल्लेख है कि किस तरह से हजारों की संख्या में वीरांगनाओं ने ‘जय हर-जय हर’ कहते हुए सामूहिक अग्नि प्रवेश किया। वीरांगनाओं का यही उद्घोष आगे चलकर ‘जौहर’ बन गया।

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वो राजपूत राजा जिसके आगे मुगल सम्राट Akbar के भी छुठते थे पसीने, उसकी वीरता की कहानी सुन आप भी होंगे हैरान!

मेवाड़ के महान राजा महाराणा प्रताप सिंह का नाम कौन नहीं जानता। भारत के इतिहास में यह नाम सदैव वीरता, शौर्य, बलिदान और शहादत जैसे गुणों के लिए प्रेरक सिद्ध हुआ है। बप्पा रावल, राणा हमीर, राणा सांग जैसे कई बहादुर योद्धा मेवाड़ के सिसौदिया परिवार में पैदा हुए थे और उन्हें 'राणा' की उपाधि दी गई थी।

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Jaipur की शान, दुनिया की सबसे बड़ी तोप ‘जयबाण’ का अद्भुत रहस्य! जानिए किन युद्धों की गवाह बनी

दुनिया की सबसे बड़ी तोप जयबाण है. ये जयपुर के किले में सुरक्षित रखी है. जयबाण तोप को महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय ने अपने 1699-1743 के शासनकाल के दौरान जयगढ़ में बनवाया था. अपनी रियासत की रक्षा के लिए उन्होंने इसका निर्माण किया था

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वो मस्जिद जो मुगलों संग Amber रियासत के रिश्तों की बानगी है, जानिए उसके कुछ अनकहे राज!

रणथम्भौर दुर्ग जीत और अजमेर के ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर मन्नत मांगने के लिए निकला अकबर रास्ते में आमेर में रुका. इतिहासकारों के मुताबिक कनक वृंदावन के पास और हाडीपुरा आमेर में बनी कोस मीनार अकबर के आमेर आगमन की गवाह है. 1569 हिजरी सन् 977 में अकबर के आमेर आने पर आमेर के राजा भारमल ने नमाज अदा करने के लिए अकबरी मस्जिद बनवाई.

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Khatu Shyamji का वो युद्ध जिसको याद कर खड़े हो जाएंगे रोंगटे, आखिर क्यों है खास,जानिए अनकही कहानी

खाटू श्यामजी का युद्ध शेखावत के प्रमुखों और दिल्ली के मुगल अधिकारी मुर्तजा खान भड़ेच के अधीन मुगल साम्राज्य के बीच लड़ी गई थी। मुर्तजा खान और उसके 52,000 सैनिकों में से 2,200 युद्ध में मारे गए थे। जिसके परिणामस्वरूप जयपुर-शेखावत की जीत हुई थी।

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राजस्थान की खूबसूरत राजधानी जयपुर, आखिर क्यों जयपुर को लोग ‘गुलाबी शहर’ के नाम से भी जानते हैं?

जयपुर शहर अपने किलों, महलों और हवेलियों के लिए काफी फेमस है और यहां इमारत बनाने के लिए गुलाबी पत्थरों का प्रयोग किया जाता है। जयपुर इतनी खूबसूरत जगह है कि लोग यहां देश विदेश से घूमने आते हैं। दरअसल इससे जुड़ी एक कहानी है।

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इस किले से लिखी गई भारत की गुलामी की दास्तान, जानिए आज क्या है हाल

ब्रिटिश सम्राट जेम्स प्रथम के राजदूत सर टॉमस रो ने 10 जनवरी, 1616 को जहांगीर से इसी किले में मुलाकात की. साथ ही ईस्ट इंडिया कंपनी के लिए भारत में व्यापार करने की अनुमति भी दी. इसके बाद अंग्रेज भारत में फैलते गए और उन्होंने भारत के अलग-अलग हिस्सों पर कब्जा करना शुरु किया. यही वजह है कि कहा जाता है कि अकबरी किले से ही देश की गुलामी की दास्तान शुरु हुई थी.

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Ramayana की अनकही कहानी, मरने से पहले रावण ने बदल दी लक्ष्मण की सोच, दिए जीवन के अमूल्य राज!

रामायण में मृत्यु शैया पर पड़े रावण ने लक्ष्मण को जीवन और नीति से जुड़े अमूल्य संदेश दिए। उन्होंने शक्ति और विद्या को धर्म व नैतिकता से जोड़ने का महत्व बताया। रावण की अंतिम शिक्षाएं आज भी जीवन मार्गदर्शन का आधार हैं।

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भारत में रावण दहन की परम्परा कितनी पुरानी, रावण की मृत्यु के बाद शुरू हुई परंपरा या कलयुग में हुई शुरुआत?

भारत में रावण दहन की परंपरा रावण की मृत्यु के तुरंत बाद नहीं बल्कि मध्यकालीन रामलीला और भक्ति साहित्य के माध्यम से शुरू हुई। यह धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक संदेश देने वाला उत्सव बन चुका है।

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सवाल जो आज भी जिंदा है.... उस रात शास्त्री जी के साथ क्या हुआ?

भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की 11 जनवरी 1966 को ताशकंद में अचानक मौत हुई। आधिकारिक रिपोर्ट हार्ट अटैक बताती है, लेकिन परिवार और जानकारों को हमेशा से शक रहा कि यह मौत स्वाभाविक नहीं थी।

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क्या आज भी श्रीलंका में मौजूद है रावण की ममी, कहां हैं रावण के वंशज ?

श्रीलंका में रावण की ममी या वास्तविक अवशेष मौजूद नहीं हैं। स्थानीय कथाएं और महल, गुफाएं उनके शासनकाल से जोड़ती हैं। कुछ परिवार आज भी अपने आप को रावण के वंशज मानते हैं, जो उनकी आस्था दर्शाते हैं।

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आज किस हाल में है श्रीलंका में रावण का महल, क्या आज भी बाकी हैं अवशेष या सिर्फ कहानियां?

श्रीलंका में रावण के महल की मान्यता सिगिरिया फोर्ट्रेस और रावण गुफाओं से जुड़ी है। अवशेषों का ठोस प्रमाण नहीं मिला, लेकिन स्थानीय आस्था और रामायण कथाएं इसे आज भी जीवित रखती हैं।

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अगर रावण ब्राह्मण था तो उसे क्यों माना गया असुरों का राजा ? क्या है सच्चाई

रावण ब्राह्मण पिता और असुर माता का पुत्र था। विद्या, तपस्या और शक्ति का मेल था। लंका का राजा और असुरों का नेता, लेकिन अहंकार और अधर्म के कारण राक्षस के रूप में जाना गया।

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Agra का रहस्यमयी लाल किला: Shahjahan को कैद करने वाली वो दीवारें, इस किले से जुड़ा है अनोखा इतिहास!

आगरा का लाल किला मुगल साम्राज्य की शान और इतिहास का प्रतीक है। शाहजहां को यहां औरंगजेब ने आठ साल तक कैद किया। आज ये किला पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

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Aurangzeb Vs British: जब औरंगजेब के खौफ से कांप उठे अंग्रेज, कईयों ने अपनाया इस्लाम, जानें पूरी कहानी

17वीं सदी में औरंगजेब के खौफ से अंग्रेज कांप उठे। ईस्ट इंडिया कंपनी की हार, सीदी याकूत की घेराबंदी और मजबूरी में अंग्रेजों द्वारा इस्लाम कबूल करने की कहानी मुगलों की ताकत और औरंगजेब की सख्ती को उजागर करती है।

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