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Deepawali की रात है रहस्यों से भरी, जानिए क्या होता है लक्ष्मी पूजा के बाद

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दीपावली पर जहां लोग लक्ष्मी पूजन करते हैं, पटाखे जलाते हैं, एक दूसरे को मिठाइयां खिला कर इस पर्व को धूमधाम से रौशनी के साथ मनाते हैं वहीं दीपावली की रात भी बहुत खास होती है। दीपावली की रात को तंत्र साधना का विशेष अवसर माना जाता है। ये रात जितनी खूबसूरत होती है उतनी रहस्यमयी भी होती है। अमावस्या की रात को जब हर तरफ आसमान में अंधेरा होता है वहीं रंग बिरंगे पटाखों की रौशनी होती है। वहीं इस अंधकार के बीच विशेष तंत्र साधना भी होती है। 

तांत्रिकों के लिए बेहद शुभ है ये रात
कार्तिक मास की अमावस्या यानी दीपावली जिसे तंत्र साधना करने वालों के लिए बेहद शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि इस रात में ब्रह्मांडीय ऊर्जा अपने चरम पर होती है और तंत्र साधक को इस रात ऐसा आत्मिक बल मिलता है जो कभी न मिला हो। तांत्रिकों का मानना है कि जब चारों ओर अंधेरा होता है तो यह तंत्र साधना के लिए बेहतर वातावरण दिलाती है। कहा जाता है कि अंधकार अज्ञानता और आंतरिक बंधनों का प्रतीक भी है और तंत्र उसी का नाश कर हमें आत्मज्ञान की ओर ले जाता है। 

तांत्रिकों की अधिष्ठात्री हैं मां काली
दीपावली की रात का पर्व माता काली की साधना का पर्व है। उन्हें तंत्र क्रिया की अधिष्ठात्री देवी माना जाता है। माता काली विनाश की प्रतीक हैं। इसीलिए वो बुराई, अहंकार और अज्ञानता का विनाश करती हैं। भारत में पश्चिम बंगाल के अलावा ओडिशा और असम में भी इस दिन काली पूजा का विशेष महत्व है। इन राज्यों में तंत्र साधक माता काली की मूर्ति के सामने विशेष तांत्रिक विधियों से पूजा करते हैं। 

तंत्र साधना की प्रक्रिया 
दीपावली की रात को की जाने वाली तंत्र साधना से न केवल आध्यात्म का रास्ता खुलता है बल्कि सांसारिक बाधाओं को दूर करने का रास्ता भी मिलता है। इसकी कई क्रियाएं भी हैं। देवी त्रिपुर सुंदरी की उपासना के लिए श्री विद्या साधना से उच्च चेतना मिलती है तो वहीं महाकाली और भैरव साधना से साधक को भय, मोह और नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति मिलती है। साथ ही कुबेर तंत्र साधना से माता लक्ष्मी और कुबेरी की कृपा बरसती है। जिससे धन-संपत्ति भी बढ़ती है। इन क्रियाओं के साथ ही सिद्धि पाने के लिए विशेष यंत्रों की स्थापना भी की जाती है जिससे आध्यात्मिक और भौतिक लाभ की प्राप्ति भी होती है। लेकिन तंत्र साधना का मार्ग बहुत कठिन है क्योंकि इसमें एक से एक शक्तिशाली क्रियाओं को किया जाता है। जानकार कहते हैं कि इन तंत्र क्रियाओं को केवल योग्य तांत्रिक गुरुओं के मार्गदर्शन में ही करना चाहिए। अगर इन क्रियाओं को ठीक से नहीं किया गया तो साधक को मानसिक और शारीरिक परेशानियों का भी सामना करना पड़ सकता है।

आम लोगों के लिए तांत्रिक क्रियाओं का महत्व
ऐसा जरूरी नहीं है कि केवल तांत्रिक ही इस दिन तंत्र साधना करते हैं बल्कि ये रात ध्यान, जाप और आत्म चिंतन के लिए भी खास है। इस रात को मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए प्रार्थना भी की जाती है। ऐसी भी मान्यता है कि पुरानी परंपराओं के तहत घर के कोने-कोने में दीप जलाना भी इसी मान्यता से जुड़ा है।

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