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कानपुर में गंगा उफान पर, दर्जन से अधिक गांव जलमग्न, लोग पलायन को मजबूर

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कानपुर में गंगा नदी ने रौद्र रूप धारण कर लिया है. लगातार पहाड़ों से हो रही बारिश का असर नदी के जलस्तर में देखने को मिल रहा है. गंगा डेंजर जोन से 75 सेमी ऊपर बह रही है जिसके चलते बैराज के सभी 30 गेट खोल दिए गए हैं. गंगा के उफान के कारण कानपुर के कई गांव पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं और लोग अपने घर छोड़कर ऊपरी सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने को मजबूर हैं.

गांवों में बाढ़ का कहर, लोग टेंट में रह रहे
गंगा का जलस्तर गांवों में 4 से 5 फीट तक बढ़ चुका है. ग्रामीण अब तंबू में रहकर जीवन यापन कर रहे हैं. जिला प्रशासन ने गंगा के रौद्र रूप को देखते हुए बाढ़ चौकियां बना दी हैं, जहां पर प्रभावित लोगों को निशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा रही हैं. प्रशासन लगातार गांवों में राहत सामग्री और दवाइयां भेज रहा है ताकि बाढ़ से प्रभावित लोगों को कोई मुश्किल न हो.

राहत शिविर और प्रशासन की सक्रियता
जिलाधिकारी विशाख जी के निर्देश पर अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व, मुख्य पशुचिकित्साधिकारी, तहसीलदार सदर और पंचायती राज विभाग के अधिकारी प्रभावित गांवों में पहुंचे. भगवानदीनपुरवा, भोपालपुरवा, बनियापुर, बड़ारामपुर, घारमखेड़ा, दिवनीपुरवा और चैनपुरवा जैसे गांवों में नाव से राहत सामग्री और तिरपाल पहुंचाया गया. साथ ही हाईवे पर वाहनों की गति रोकने के लिए बैरिकेडिंग की गई. गांवों से लाए गए पशुओं की भी स्वास्थ्य जांच की जा रही है. बनियापुरवा पुलिस चौकी के पास बाढ़ राहत शिविर लगाया गया है.

गांवों की स्थिति गंभीर
गंगा किनारे कटरी की लोधवाखेड़ा पंचायत का आखिरी गांव चैनपुरवा पूरी तरह डूब गया है. यहां झोपड़ियों में रहने वाले लोग बैराज के किनारे सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं. पक्के मकानों में रहने वाले लोग छतों पर शरण ले रहे हैं. प्रशासन ने सभी से गांव खाली करने की अपील की है.

देवनीपुरवा और धारमखेड़ा भी बाढ़ की चपेट में हैं. ख्योरा कटरी के गांव भगवानदीनपुरवा, भोपालपुरवा, दुर्गापुरवा और गिल्लीपुरवा डूब गए हैं. लछमनपुरवा, मक्कापुरवा, पुराना डल्लापुर, बनियापुरवा, चंदीपुरवा, भारतपुरवा, शिवदीनपुरवा, चिरान, पिपरिया, किशोरीगंज और डेहरीपुरवा भी पूरी तरह बाढ़ से प्रभावित हैं. प्रशासन अब इन सभी गांवों का पूरा रिकॉर्ड तैयार कर रहा है और प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में जुटा हुआ है.

बता दें कि कानपुर में गंगा के उफान ने दर्जन से अधिक गांवों को पूरी तरह बाढ़ की चपेट में ले लिया है. प्रशासन की सतर्कता और राहत शिविरों की व्यवस्था से ग्रामीण सुरक्षित हैं, लेकिन लोगों के लिए हालात चिंताजनक बने हुए हैं. अगले कुछ दिनों तक बाढ़ की स्थिति पर प्रशासन लगातार नजर रखेगा और लोगों को किसी भी आपदा से बचाने के प्रयास जारी रहेंगे.

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