अमरोहा में आम के पेड़ों की अवैध कटाई, IPS अधिकारी समेत कई लोग नामजद
- Shubhangi Pandey
- 09 Nov 2025 02:20:47 PM
उत्तर प्रदेश के अमरोहा देहात क्षेत्र में आम के दो बड़े पेड़ काटे जाने का मामला अब तूल पकड़ चुका है। इस मामले में दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ IPS अधिकारी अख्तर रिजवी समेत कई लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ है। घटना काशीराम कॉलोनी के पीछे स्थित आम के बाग की है, जहां 6 नवंबर को दोपहर के वक्त पेड़ों के कटान की सूचना मिली थी। जांच टीम जब मौके पर पहुंची तो पाया कि दोनों पेड़ पूरी तरह काट दिए गए थे। इनमें से एक पेड़ की लकड़ी पूरी तरह गायब थी जबकि दूसरे का कुछ हिस्सा वहीं पड़ा मिला।
आम के बाग में दो बड़े पेड़ों का अवैध कटान
टीम ने जांच में पाया कि बाग ग्राम महुवा, गाटा संख्या 160 में स्थित है। ये जमीन मौलाना मोहल्ला निवासी अतीकुरहमान और उनके परिवार की है। बाग के स्वामियों में अजिमुलशान, ईमराना बेगम, शादमानी बेगम, मौ. अजीम, मौ. अख्तर, मौ. अथर, मौ. अफजल, मौ. आदिल और मौ. फाजिल के नाम सामने आए हैं। पूछताछ में खुलासा हुआ कि बाग के मालिकों की सहमति से ठेकेदार अयाज पुत्र अरमान ने पेड़ों को कटवाया था।
IPS अधिकारी भी बने जांच का हिस्सा
मामले की खास बात ये है कि दर्ज मुकदमे में दिल्ली पुलिस के IPS अधिकारी अख्तर रिजवी का भी नाम सामने आया है। उन पर और उनके परिवार के कुछ सदस्यों पर बिना अनुमति पेड़ कटवाने और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगा है। एक वरिष्ठ अधिकारी का नाम इस तरह के पर्यावरणीय उल्लंघन में आना लोगों के बीच चर्चा का बड़ा विषय बन गया है।
पर्यावरण कानूनों का खुला उल्लंघन
जांच टीम ने बताया कि बिना स्वीकृति के पेड़ काटना न सिर्फ पर्यावरण के लिए खतरनाक है बल्कि ये संरक्षण कानूनों का सीधा उल्लंघन भी है। अधिकारियों ने मौके से सबूत इकट्ठा किए और बची हुई लकड़ी को जब्त कर लिया। रिपोर्ट में कहा गया कि इस तरह की घटनाएं पर्यावरण संतुलन को बिगाड़ती हैं और इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई जरूरी है।
मामले की जांच में जुटी पुलिस
पुलिस ने बाग के मालिकों और ठेकेदार अयाज के खिलाफ अमरोहा देहात थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया है। जांच में ये पता लगाया जा रहा है कि पेड़ काटने का फैसला किसने लिया और गायब लकड़ी आखिर कहां गई। अधिकारियों का कहना है कि जांच निष्पक्ष और तथ्यों पर आधारित होगी।
इलाके में मचा हंगामा
घटना के बाद पूरे इलाके में चर्चा है कि आम के पेड़ों की अवैध कटाई में असरदार लोगों के नाम सामने आने से प्रशासन सख्त हुआ है। वहीं पर्यावरणप्रेमियों ने कहा कि चाहे मामला छोटा ही क्यों न हो, पेड़ काटने की हर कार्रवाई का असर स्थानीय पारिस्थितिकी पर पड़ता है। उनका कहना है कि अब वक्त आ गया है जब ऐसे मामलों में किसी को भी रियायत नहीं दी जानी चाहिए।
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