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रामभक्ति का बना वर्ल्ड रिकॉर्ड, इतने करोड़ लोगों ने देखी अयोध्या की रामलीला!

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श्रीराम की नगरी अयोध्या एक बार फिर पूरी दुनिया की नजरों में है। इस बार वजह अयोध्या में आयोजित हुई अब तक की सबसे भव्य और सबसे ज्यादा देखी गई रामलीला है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में और यूपी सरकार के सहयोग से आयोजित इस रामलीला को दुनिया भर में 62 करोड़ से ज्यादा रामभक्तों ने देखा है। यह आयोजन अब सिर्फ एक सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं बल्कि ग्लोबल इवेंट बन चुका है।

सितारों से सजी रही रामलीला
इस रामलीला में दिल्ली और मुंबई से आए 250 से ज्यादा फिल्मी कलाकारों ने भाग लिया। बॉलीवुड की मशहूर अदाकारा भाग्यश्री ने माता सीता का किरदार निभाया तो विंदू दारा सिंह ने हनुमानजी बनकर कैरेक्टर जान फूंक दी। शहबाज खान रावण की भूमिका में नजर आए और उनके दमदार अभिनय ने दर्शकों को बांध कर रखा। इसके अलावा अनिल धवन ने विभीषण, सुनील पाल ने नारदमुनि और मनोज तिवारी, रवि किशन, रजा मुराद, असरानी, रितु शिवपुरी, शीबा, अरुण बक्शी जैसे कलाकारों ने भी अपनी उपस्थिति से रामलीला को ऐतिहासिक बना दिया। इस बार मिस यूनिवर्स 2024 और 2025 ने भी खास प्रस्तुति दी जो अंतरराष्ट्रीय दर्शकों के लिए बड़ा आकर्षण बना है।

डिजिटल क्रांति का कमाल
इस रामलीला की सबसे खास बात इसका डिजिटल स्वरूप रही । दुनिया के 50 से ज्यादा देशों में इसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के जरिए लाइव दिखाया गया। इसके लिए 10 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए गए। इसे शेमारू मी, यूट्यूब, फेसबुक, टाटा प्ले, डिश टीवी, एयरटेल, वीडियोकॉन जैसे कई माध्यमों पर लाइव दिखाया गया।

कुछ प्रमुख प्लेटफॉर्म्स पर दर्शकों की संख्या:

शेमारू भक्ति यूट्यूब चैनल: 8 करोड़
शेमारू आराधना टीवी: 7 करोड़
टाटा प्ले: 7 करोड़
VI ऐप: 5 करोड़
 फेसबुक: 5 करोड़
डिश टीवी: 4 करोड़
एयरटेल: 3 करोड़
बाकी प्लेटफॉर्म्स पर भी मिलाकर करोड़ों दर्शक जुड़े

साल दर साल बढ़ती लोकप्रियता
कोरोना काल में शुरू हुई डिजिटल रामलीला ने हर साल नया कीर्तिमान बनाया है।

2020: 16 करोड़ दर्शक
2021: 20 करोड़
2022: 25 करोड़
2023: 40 करोड़
2024: 41 करोड़
2025: 62 करोड़ (अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा)

रामलीला पहुंची ग्लोबल लेवल पर
रामलीला को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने का सपना योगी आदित्यनाथ सरकार ने पूरा किया है। 2020 में संस्कृति मंत्री नीलकंठ तिवारी ने इसकी शुरुआत की थी और अब ये आयोजन पूरी दुनिया में भारतीय संस्कृति का प्रतिनिधित्व कर रहा है। रामलीला समिति के संस्थापक सुभाष मलिक और शुभम मलिक ने इसे डिजिटल युग के अनुरूप ढालकर ऐतिहासिक बना दिया।

रामलीला बनी ग्लोबल भक्ति महोत्सव
भारत, नेपाल, श्रीलंका, भूटान, मलेशिया, जापान, चीन, अमेरिका, कनाडा, इंग्लैंड, फ्रांस, जर्मनी, कतर, सिंगापुर, ब्राज़ील जैसे 50 से ज्यादा देशों में इस रामलीला को लाइव देखा गया। करोड़ों रामभक्तों ने इस आयोजन से जुड़कर ये साबित कर दिया कि राम सिर्फ भारत के नहीं, बल्कि पूरे विश्व के हैं।

पीएम मोदी का मिला आशीर्वाद
हर साल की तरह इस बार भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामलीला समिति को शुभकामना पत्र भेजा। उनका आशीर्वाद इस आयोजन को और भी विशेष बना गया। बता दें कि अयोध्या की ये रामलीला अब केवल एक धार्मिक मंचन नहीं बल्कि भारत की सांस्कृतिक ताकत का प्रतीक बन चुकी है। भव्यता, तकनीक और भक्ति का ऐसा संगम शायद ही दुनिया में कहीं और देखने को मिले। राम के नाम ने फिर साबित कर दिया कि भारत के रोम-रोम में राम बसते हैं।

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