धन्नीपुर मस्जिद का नक्शा खारिज, ADA बोला- ट्रस्ट की लापरवाही, अब नए सिरे से करें ये काम!
- Shubhangi Pandey
- 24 Sep 2025 11:19:35 PM
अयोध्या के धन्नीपुर में बाबरी मस्जिद की जगह बनने वाली मस्जिद का नक्शा अयोध्या विकास प्राधिकरण (ADA) ने खारिज कर दिया। मंगलवार को ADA ने साफ कहा कि मस्जिद ट्रस्ट को जरूरी दस्तावेजों के साथ दोबारा आवेदन करना होगा। ट्रस्ट की ओर से आखिरी बातचीत अप्रैल 2024 में हुई थी, लेकिन जरूरी अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) जमा न करने की वजह से नक्शा मंजूर नहीं हुआ। सुप्रीम कोर्ट के 2019 के फैसले के बाद धन्नीपुर में 5 एकड़ जमीन मस्जिद के लिए दी गई थी, मगर 6 साल बाद भी निर्माण शुरू नहीं हो सका। आइए जानते हैं पूरा मामला।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश से शुरू हुआ सफर
9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद का फैसला सुनाते हुए राम मंदिर के लिए अयोध्या की जमीन दी और सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड। अगस्त 2020 में तत्कालीन डीएम अनुज कुमार झा ने धन्नीपुर गांव में 5 एकड़ जमीन ट्रस्ट को सौंपी। इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (IICF) ने मई 2021 में नक्शा जमा किया और 4,02,628 रुपये शुल्क भी दिया, लेकिन जरूरी NOC न होने से प्रोजेक्ट अटक गया।
क्यों खारिज हुआ नक्शा?
ADA के मुताबिक, मस्जिद ट्रस्ट ने PWD, प्रदूषण नियंत्रण, नागरिक उड्डयन, सिंचाई, राजस्व विभाग, नगर निगम और अग्निशमन सेवा जैसे विभागों से NOC जमा नहीं की। एक बड़ा मुद्दा था पहुंच मार्ग की चौड़ाई, जिस पर अग्निशमन विभाग ने आपत्ति जताई। ADA ने बताया कि 6 मई 2023 को जमा आवेदन 12 अप्रैल 2024 को स्वतः खारिज हो गया, क्योंकि ट्रस्ट ने समय पर दस्तावेज पूरे नहीं किए। ट्रस्ट को पत्र और बातचीत के जरिए सूचित भी किया गया, मगर जवाब नहीं आया।
ट्रस्ट की जिम्मेदारी, नए नियम लागू
ADA ने कहा कि अब ट्रस्ट को 4 जुलाई 2024 के संशोधित भवन निर्माण नियमों के तहत नया आवेदन करना होगा। ऑनलाइन पोर्टल पर सभी दस्तावेज डिजिटल रूप से जमा करने होंगे। ट्रस्ट के सचिव अतहर हुसैन ने हैरानी जताई और कहा कि उन्हें नहीं पता कि विभागों ने NOC क्यों नहीं दी। ADA का कहना है कि सारी जिम्मेदारी ट्रस्ट की है, क्योंकि दूसरे आवेदकों की तरह उन्हें भी नियम फॉलो करने होंगे।
क्या है आगे की राह?
धन्नीपुर में मस्जिद के साथ 300 बेड का अस्पताल, कम्युनिटी किचन और रिसर्च सेंटर बनना है, लेकिन नक्शा खारिज होने से प्रोजेक्ट रुका हुआ है। स्थानीय लोग और मुस्लिम समुदाय निर्माण शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं, मगर फंड की कमी और NOC का पेंच बाधा बना हुआ है। अब ट्रस्ट के अगले कदम और सरकार की कार्रवाई पर सबकी नजर है।
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