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मंदिरों में ‘प्रसाद’ से मौत बांटने की साजिश! गुजरात में पकड़े गए यूपी के दो आतंकी, बड़ा खुलासा

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देश में श्रद्धा के नाम पर खौफ फैलाने की एक खतरनाक साजिश का पर्दाफाश हुआ है। गुजरात एटीएस ने अहमदाबाद से तीन आतंकियों को गिरफ्तार किया है जिन्होंने बताया कि वो देश के बड़े मंदिरों में ‘प्रसाद’ के जरिए लोगों को मारने की योजना बना रहे थे। इन आतंकियों में यूपी के लखीमपुर खीरी और शामली के रहने वाले सोहेल और आजाद सैफी शामिल हैं। इनके साथ डॉक्टर मोहिउद्दीन नाम का शख्स भी पकड़ा गया है जो इस पूरे मॉड्यूल का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है।

‘प्रसाद’ में मिलाया जाना था जानलेवा जहर
पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि ये तीनों आतंकी दिल्ली, लखनऊ और अहमदाबाद के प्रसिद्ध मंदिरों में ‘रिसिन’ नाम के जानलेवा केमिकल को ‘प्रसाद’ में मिलाने की तैयारी कर रहे थे। रिसिन ऐसा ज़हर है जिसकी बेहद मामूली मात्रा भी इंसान की जान ले सकती है। प्लान था कि बड़े धार्मिक आयोजनों या त्योहारों के दौरान प्रसाद में जहर मिलाकर हजारों लोगों को मार दिया जाए।

मंदिरों की रेकी और ऑनलाइन ट्रेनिंग
आतंकियों ने बताया कि उन्होंने लखनऊ के हनुमान सेतु मंदिर, अहमदाबाद के जगन्नाथ मंदिर और दिल्ली के कुछ प्रमुख धार्मिक स्थलों की रेकी की थी। अफगानिस्तान में बैठे हैंडलर अबू खदीजा के संपर्क में ये लगातार थे और उसी ने उन्हें ऑनलाइन ट्रेनिंग दी थी कि कैसे रिसिन तैयार करना है और उसे प्रसाद में कैसे मिलाना है।

सोशल मीडिया से हुई कट्टरपंथ की शुरुआत
सोहेल और आजाद दोनों ने यूपी के मदरसों से हाफिज की पढ़ाई की थी। इसके बाद सोशल मीडिया पर आतंकी संगठनों की कट्टरपंथी सामग्री देखकर ये धीरे-धीरे खुरासान मॉड्यूल से जुड़ गए। डॉक्टर मोहिउद्दीन मेडिकल फील्ड से जुड़ा था और उसे केमिकल की जानकारी थी। इसी वजह से उसे रिसिन तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई थी।

एटीएस की छानबीन और नेटवर्क की तलाश
गुजरात एटीएस ने आरोपियों से बरामद फोन में रिसिन तैयार करने के फॉर्मूले, मंदिरों की तस्वीरें और वीडियो मिले हैं। टीम अब यूपी के लखीमपुर, शामली, सहारनपुर और मुजफ्फरनगर में इनके संपर्कों की तलाश कर रही है। शक है कि इस मॉड्यूल में कई और लोग भी शामिल हैं जिन्हें पैसे और हथियारों की सप्लाई मिल रही थी।

रिसिन: एक बूंद से खत्म हो सकती है जान
विशेषज्ञों का कहना है कि रिसिन को जैविक हथियार की श्रेणी में रखा गया है। 1 मिलीग्राम मात्रा भी इंसान को मारने के लिए काफी है। इसे निगलने या सांस के जरिए शरीर में पहुंचाने पर कुछ घंटों में मौत हो सकती है।

फरीदाबाद मॉड्यूल भी था मंदिरों के निशाने पर
इससे पहले फरीदाबाद से गिरफ्तार डॉ. मुजम्मिल और डॉ. शाहीन शाहिद ने भी खुलासा किया था कि उनके निशाने पर अयोध्या का राम मंदिर और काशी विश्वनाथ मंदिर थे। शाहीन ने अयोध्या में स्लीपर सेल को एक्टिव कर रखा था और 6 दिसंबर को हमले की योजना थी।

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